मन जब विचलित मेरा होवे, फूलों सा तुम मुस्का देना। मन जब विचलित मेरा होवे, फूलों सा तुम मुस्का देना।
प्रकृति से नहीं करे प्यार प्रकृति का ऋण रहे उधार। प्रकृति से नहीं करे प्यार प्रकृति का ऋण रहे उधार।
शुष्क लतायें भी करती आह्वान बहार के आने का शुष्क लतायें भी करती आह्वान बहार के आने का
दुखी हो भीगे नयन अंतर्मन की व्यथा कह रहे अंतर्द्वंद जब तक रहेगा मानव निर्मल कैसे रहे दुखी हो भीगे नयन अंतर्मन की व्यथा कह रहे अंतर्द्वंद जब तक रहेगा मानव नि...
सच पूछो तो, मन का यह हत्यारा खुद ही हत्या कर लेगा। सच पूछो तो, मन का यह हत्यारा खुद ही हत्या कर लेगा।
संभल जाना होगा इन विध्वंसकारी अमानवीय कृत्यों से। संभल जाना होगा इन विध्वंसकारी अमानवीय कृत्यों से।